जालंधर (विसंकें). विद्या भारती पंजाब के संगठन मंत्री विजय सिंह नड्डा जी ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में पिरोने के साथ-साथ देश में एकता, अखंडता, आपसी सौहार्द, सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय के मूल मन्त्र से विभिन्न समाज सेवी, धार्मिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षण संगठनों के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यरत है. वह मुख्य वक्ता के रूप में सेवा भारती व आरोग्य भारती द्वारा सम्पर्क विभाग के सहयोग से, समाज के विभिन्न वर्गों को साथ जोड़कर सेवा कार्यों में लगाने के उद्देश्य से आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. गोष्ठी का आयोजन रविवार 27 सितंबर को डीएवी इंजीनियरिंग संस्थान परिसर में किया गया. समारोह की अध्यक्षता पटेल अस्पताल के डॉ. एसके शर्मा (अध्यक्ष मानव सहयोग सोसाइटी) ने की. समारोह का शुभारम्भ महानगर संघचालक कुलदीप भगत, व अन्य अतिथियों ने ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया. सभी अतिथियों को श्रीफल भेंट कर उनका स्वागत किया गया.
विजय सिंह नड्डा जी ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के सहयोग बगैर समाज कल्याण का कार्य मुमकिन नहीं है. सेवा से समाज के हर वर्ग को जोड़ने का आग्रह करते कहा कि सेवा को अपना प्रथम कर्त्तव्य मानते हुए सेवा में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए.
सेवा भारती से पवन मल्होत्रा ने सेवा शब्द की गहराई को बताया. उन्होंने कहा कि किसी की वेदना से पैदा होने वाली संवेदना के चलते ही आदमी सेवा के मार्ग पर चलता है. उन्होंने देहरादून रेलवे स्टेशन की एक घटना का वर्णन किया. जिसमें पुस्तकों का ठेला लगाने वाले के मन में संवेदना पैदा हुई. जिसके बाद उन्होंने प्रण लिया कि इस रेलवे स्टेशन से कोई भी व्यक्ति प्यासा नहीं जाएगा. उन्होंने सभी को ऐसी संवेदना मन में पैदा करने का आह्वान किया.
कार्यक्रम में डॉ. पीके गुगलानी जी ने आरोग्य भारती द्वारा जनसेवा एवं जनस्वास्थ्य के लिए चलाये जा रहे विभिन्न प्रकल्पों की जानकारी दी. दैनिक उपयोग कि वस्तुओं से स्वास्थ्य लाभ कैसे प्राप्त करें, हमारी दिनचर्या कैसी हो, कैसा भोजन हितकारी है आदि विषयों पर चर्चा की. आरोग्य भारती द्वारा विभिन्न स्वास्थ्यवर्धक पेड़-पौधे जिनमें नीम, कड़ी पत्ता, तुलसी, आंवला आदि अतिथियों को भेंट कर पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. एसके शर्मा जी ने संघ के सेवा कार्यों के सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय के मूल मन्त्र की सराहना की और सेवा को समाज की प्रमुख जरुरत बताते हुए इसको सामाजिक समरसता के लिए भी उपयोगी बताया. समारोह के दौरान सेवा भारती द्वारा संचालित बाल संस्कार केन्द्रों के बच्चों द्वारा लघु नाटिका प्रस्तुत की गई.