विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन ऐतिहासिक नगरी एवं वीर भूमि उदयपुर में हो रहा है. इसमें देश भर के लगभग 250 शिक्षाविद्, विद्वान एवं विद्या भारती के कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे. 13, 14, 15 सितंबर को आयोजित बैठक में विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श होगा.
विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीराम आरावकर ने प्रेस वार्ता में बताया कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान देश में शिक्षा जगत का सर्वाधिक बड़ा, महत्वपूर्ण एवं प्रभावी संगठन है. सन् 1952 में एक विद्यालय से लेकर अब 13,067 औपचारिक विद्यालय तथा 11,333 एकल विद्यालय एवं संस्कार केंद्रों का संचालन इसके अंतर्गत हो रहा है. लगभग 36 लाख विद्यार्थियों को 1 लाख 50 हजार से अधिक आचार्य शिक्षा के साथ ही संस्कार देने का पवित्र कार्य कर रहे हैं. अत्यंत श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम, अनेक शिक्षा बोर्ड की प्रवीणता सूची (मेरिट लिस्ट) में विद्यार्थियों के नाम, देश के खेल जगत में, विविध खेलों में ऊंचे प्रतिमान बनाते हुए अनेक पदक, विदेशों में भी खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए हमारे छात्र, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में हमारे विद्यार्थियों की उपलब्धियां, विद्या भारती की यशोगाथा कहती हैं. हमारे पूर्व छात्रों ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और उच्च पद प्राप्त किए हैं और वे उसका श्रेय भी विद्या भारती को देते हैं.
उन्होंने बताया कि बदलते सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं शैक्षिक परिप्रेक्ष्य में नई आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नई पीढ़ी की रचना एवं विकास विद्या भारती की प्राथमिकताओं में है. भारतीय शिक्षा दर्शन पद्धति और नवीन वैज्ञानिक, डिजिटल युग का समन्वय करते हुए शिक्षा के स्वरूप और व्यवहार में उसकी परिणीति के मार्गों का अनुसंधान विद्या भारती की निरंतर चिंताओं में सम्मिलित है.
बैठक में विद्वान शिक्षाविद सांगठनिक विषयों के साथ-साथ उक्त बातों पर भी विचार विमर्श करेंगे कि हमारे विद्यालय कैसे सशक्त बनें, उपक्रमशील बनें. समाज गांव से लेकर ऊपर तक अपनी जिम्मेदारियों और दायित्वों को कैसे पूरा कर सकते हैं, यह विषय हमारी चिंतन की प्राथमिकता में है. आगामी 3 वर्षों के कार्य विस्तार, विकास की दिशा आदि के साथ अनेक शैक्षिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विषयों पर बैठक में विचार होने वाला है.