शिमला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रांत प्रचारक संजीवन कुमार जी ने कहा कि हिन्दू शब्द देश को जोड़ने वाला है, जिसको तोड़ने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं. देश की प्राचीन संस्कृति के प्रतीकों को समाप्त किया जा रहा है. जब प्रकृति में नयेपन का स्वतः अहसास होता है, उस समय नये साल को कथित बौद्धिकतावादी शक्तियां महत्व नहीं देतीं. जिससे देश की संस्कृति के प्रतिमान लुप्त होने की कगार पर पहुंच गये हैं. संजीवन जी अभ्युदय स्टडी सर्कल के तत्वाधान में आयोजित नववर्ष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
इस उपलक्ष्य में राजधानी में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी नये साल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. विशेष अतिथियों में सह प्रांत संघचालक वीर सिंह रांगड़ा जी, देशराज जी ने भाग लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. संजीवन जी ने कहा कि आज देश के युवाओं को राष्ट्र के प्रति एकनिष्ठ भाव से काम करना होगा. विशेष अतिथियों में वीर सिंह रांगड़ा जी कहा कि इस दिन भगवान राम और युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था. भारतीय संस्कृति विश्व की महान संस्कृति रही है, इसके सभी आयामों की जानकारी प्रत्येक देशवासी को होनी चाहिए. देश की संस्कृति ही राष्ट्र की सच्ची पहचान होती है. यह कितने गौरव की बात है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का जन्म भी इसी दिन हुआ था. कार्यक्रम में देशराज जी ने भी अपने विचार रखे.
कई स्थानों पर मने नववर्ष के कार्यक्रम
धर्मजागरण मंच ने बीसीएस में नववर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया. इस अवसर पर धर्मजागरण मंच के जिला प्रमुख संतोष कुमार ने भारत माता प्रतिमा के समीप दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की. टूटू में ने नववर्ष पर 51 दीप जलाये और स्थानीय लोगों में मिठाईयां वितरित की. जबकि संजौली में नववर्ष कार्यक्रमों की कमान संभाली और मिठाईयां वितरण के साथ लोगों ने आपसी सौहार्द की शपथ ली.