मुंबई. २५ मार्च, २०२४ को रात ९:२८ बजे साईं करिश्मा एवेन्यू, कांकिया रोड-मीरा रोड ईस्ट जिला ठाणे के निवासी संजय राम सिंह का ११ वर्षीय पुत्र उत्कर्ष सिंह अपनी सोसायटी में जय श्री राम बोल रहा था, तभी अचानक ५ अज्ञात मुस्लिम युवक उत्कर्ष को मारने आये. यह जानकारी साईं करिश्मा एवेन्यू में ही रहने वाले आकाश राजेश जैन ने फोन करके संजय राम सिंह को दी कि उनके पुत्र को मारने के लिए कुछ लोग आए हैं. संजय राम सिंह ने उत्कर्ष से पूछा तो उसने बताया कि जब वह दुकान से दूध खरीदकर घर जा रहा था, हमेशा की तरह सोसायटी के चौकीदार को जय श्रीराम कहा, लेकिन उसे नहीं पता था कि सोसायटी में चौकीदार मौजूद नहीं है. उस समय ५ अज्ञात मुस्लिम युवकों ने उत्कर्ष को पीछे से ‘अरे रूक’ कहा. उत्कर्ष ने उन्हें अनदेखा किया और उनकी बात नहीं सुनी, लेकिन जब उसने देखा कि वहां चौकीदार नहीं है और ५ मुस्लिम उसका पीछा करते हुए सोसायटी में आ रहे हैं तो उत्कर्ष वहां से भाग गया. इसके बाद उत्कर्ष बायोमीट्रिक गेट से होते हुए लिफ्ट के सामने रुका, जिसके बाद पांचों अज्ञात मुस्लिम युवकों ने बायोमीट्रिक गेट पर लात मारी और अनाधिकृत रूप से अंदर प्रवेश कर गये. उत्कर्ष के पास जाकर बोले “ये क्या फालतू जय श्रीराम बोल रहा है बे? अल्लाह हू अकबर बोल”, उत्कर्ष को डराया व धमकी देकर चले गये.
इसके विरूद्ध २६ मार्च, २०२४ को रात ००:३० बजे मीरारोड पुलिस स्टेशन में संजय सिंह ने घटना की शिकायत दी. संजय राम सिंह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
उन ५ अज्ञात मुस्लिम युवकों के खिलाफ
- उत्कृष्ट का पीछा करना
- निजी संपत्ति मे अनाधिकृत प्रवेश करना
- निजी संपत्ति के साथ छेड़छाड़ (बायोमीट्रिक गेट को तोड़ना)
- नाबालिग उत्कर्ष को धमकाना
- धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, के आरोपों में शिकायत दर्ज की गई है.
अ.क्र. | अधिनियम | धारा |
१ | भारतीय दंड संहिता १८६० | ४४८ |
२ | भारतीय दंड संहिता १८६० | २९५ – A, १५३ (A) |
३ | भारतीय दंड संहिता १८६० | १४३ |
४ | महाराष्ट्र पोलीस अधिनियम, १९५१ | ३७ (१) (C) |
५ | महाराष्ट्र पोलीस अधिनियम, १९५१ | १३५ |
क्षेत्र में कट्टरपंथी अराजक तत्वों की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही है. जनवरी माह में भी कट्टरपंथियों ने शांति से निकल रही शोभायात्रा पर पथराव किया था और महिलाओं के साथ मारपीट की थी.