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हिन्दुओं को आध्यात्मिक और भौतिक विरासत को पुनर्स्थापित करना होगा

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जयपुर. विश्व हिन्दू फोरम के संस्थापक और विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त सचिव स्वामी विज्ञानानंद जी ने कहा कि हिन्दू समाज को विश्व में सम्मान तभी मिलेगा, जब वर्तमान और भावी पीढ़ी अपनी बुद्धि और संसाधनों का सही दिशा में उपयोग करते हुए कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करे. इसके लिए हिन्दुओं को आध्यात्मिक और भौतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने पर एकाग्रचित्त होकर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. स्वामी विज्ञानानंद जी गुरुवार को मालवीयनगर के पाथेय कण संस्थान के महर्षि नारद सभागार में आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.

बैंकाक में 24 से 26 नवंबर, 2023 को होने वाली विश्व हिन्दू कांग्रेस में शामिल होने का आमंत्रण देने पहुंचे स्वामी विज्ञानानंद जी ने हिन्दुओं के अतीत, वर्तमान और भविष्य को लोगों के सामने रखा. आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग में स्नातक स्वामी विज्ञानानंद जी ने कहा कि हिन्दू समुदाय के पास उसे प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाने और उनका समाधान करने के लिए कोई सुसंगत वैश्विक मंच नहीं है. लेकिन अब समय आ गया है कि इस विसंगति को तोड़कर हिन्दू समाज को 21वीं सदी और उससे आगे ले जाया जाए. हिन्दू समाज को भविष्य में आत्मविश्वास से आगे बढ़ने के लिए एक समान उद्देश्य और एक साझा दृष्टिकोण के साथ एक मंच पर आना होगा. रणनीतिक तैयारी के साथ बढ़ना होगा.

उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज को आगे बढ़ने के लिए अर्थव्यवस्था, शिक्षा, मीडिया और राजनीति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार करना होगा. कौटिल्य के शब्दों में अर्थव्यवस्था ताकत का स्रोत है. यह बात आधुनिक दुनिया पर भी अधिक लागू होती है. एक राष्ट्र की ताकत का सीधा अर्थ आर्थिक शक्ति ही है. जो समाज अच्छी तरह से शिक्षित नहीं है, वह लंबे समय तक स्वयं को बनाए रखने में असमर्थ है. शिक्षा ही है जो सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाती है. शताब्दियों तक सिकंदर से लेकर अरब, ब्रिटिश, पुर्तगाली, डच और फ्रांसीसी ने हिन्दुओं को उपनिवेश बनाया. उन्हें सताया और बलपूर्वक मतांतरित किया. आज हिन्दू समाज नई करवट ले रहा है. आज हमारे पास विश्व को देने के लिए बहुत कुछ है. अब समय आ गया है कि हिन्दुओं की वर्तमान पीढ़ी इस विरासत को आगे बढ़ाए.

2026 में मुंबई में होगा सम्मेलन – कार्यक्रम संयोजक चैन सिंह राजपुरोहित ने बताया कि पहला विश्व हिन्दू आर्थिक सम्मेलन 2012 में हांगकांग में आयोजित किया गया था. जो 2019 तक हर वर्ष निर्बाध रूप से विभिन्न देशों में आयोजित किया गया. जबकि विश्व हिन्दू कांग्रेस का आयोजन हर 4 वर्ष में होता है. पहली बार 2014 में नई दिल्ली में, दूसरा 2018 में शिकागो में किया गया था. अगला सम्मेलन 24-26 नवंबर, 2023 को बैंकॉक में होगा. मुंबई में 2026 में यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.

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