रतलाम, मध्यप्रदेश (विसंकें). मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में विवाह समारोह के दौरान दुल्हन ने अचानक फेरे रोक दिये, और आगे फेरे लेने से पूर्व एक शर्त को पूरा करने के लिए कहा. दुल्हन द्वारा फेरे रोके जाने पर पहले तो घराती और बाराती आश्चर्य में पड़ गए. लेकिन जब दुल्हन की बात सुनी तो दूल्हे सहित सभी ने शर्त को स्वीकार किया और शर्त पूरा करने के पश्चात विवाह की रस्में पूरी हुईं.
अब आप सोचेंगे कि दुल्हन ने आखिर ऐसी कौन सी शर्त रख दी. दुल्हन ने पति से आठवां वचन मांगा, दुल्हन ने पति से जीवन भर चीनी सामग्री का उपयोग न करने का वचन लिया. साथ ही विवाह समारोह में उपस्थित लोगों से भी चीन की सामग्री का उपयोग न करने का संकल्प करवाया.
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आरती (पिता जगदीश पांचाल) का विवाह शहर के ही हेमंत (पिता गोविंद पांचाल) के साथ संपन्न हुआ. कोरोना संकट को देखते हुए जारी निर्देशानुसार बारात में 50 से अधिक सदस्य नहीं रहेंगे. तो दोनों पक्षों की तरफ से 25 से 30 सदस्य ही विवाह समारोह में शामिल हुए. इस बीच जब सात फेरों के साथ दुल्हन को दिए जाने वाले सात वचन की रस्म चल रही थी, तब ही दुल्हन आरती ने अचानक रस्म को रोक दिया और आठवां वचन मांगा, अचानक सब हतप्रभ रह गए. लेकिन दुल्हन की बात सुनकर कुछ राहत महसूस की. दुल्हन ने आठवें वचन में चीन में बने हर सामान के बहिष्कार करने का वचन मांगा, दूल्हे ने प्रसन्नता से वचन दिया. इसके साथ ही बारात में शामिल प्रमुख रिश्तेदारों ने भी इस वचन को निभाने की शपथ ली. विवाह के दौरान ही दूल्हे के जीजा राकेश पांचाल ने चीनी वस्तुएं न खरीदने की शपथ दिलवाई. इस दौरान सभी बारातियों व घरवालों मेहमानों आदि परिवारजनों ने शपथ ली.