पुणे. अयोध्या में श्रीराम की मूर्ति स्थापना के अवसर पर पुणेवासी राम भक्तों ने भक्तिमय माहौल में राम रक्षा पाठ किया. शहर के लोकमान्य तिलक मार्ग पर स. प. कॉलेज मैदान में रविवार (14 जनवरी) की सुबह यह कार्यक्रम आयोजित किया.
‘भक्ति सुधा फाउंडेशन’, ‘समर्थ व्यासपीठ’ व ‘शिक्षण प्रसारक मंडली’ संस्थाओं ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिम महाराष्ट्र प्रान्त कार्यवाह प्रवीण दबडघाव, पुरातत्व एवं प्रतिमा विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. गो. ब. देगलूरकर, कीर्तनकार चारुदत्त आफले, अभिनेता राहुल सोलापुरकर, सुहास क्षीरसागर उपस्थित रहे. दगडूशेठ हलवाई गणपति मंडल ट्रस्ट के महासचिव हेमंत रासने कार्यक्रम के संयोजक थे.
कार्यक्रम में तीन बार रामरक्षा का पाठ किया गया. पहला श्रीराम के लिए नमन, दूसरा देश की समृद्धि के लिए और तीसरा सैनिकों के बल के लिए किया गया. स्वामी गोविंदगिरि जी महाराज के आश्रम के शिष्यों ने रामरक्षा पाठ का नेतृत्व किया. सबसे पहले लक्ष्मणाचार्य रचित रघुपति राघव राजाराम के मूल पद का पाठ किया गया. इसमें आशीष केसकर ने संगीत दिया और चारुदत्त आफले ने गायन किया. राहुल सोलापुरकर ने रामजन्मभूमि का इतिहास बताया.
डॉ. देगलूरकर ने कहा कि अयोध्या में बनाया गया श्रीराम जन्मभूमि मंदिर नागर शैली का है. इस शैली में गर्भगृह पर शिखर आता है और उस पर कलश रखा जाता है. गर्भगृह और शिखर का कार्य पूरा हो गया है, इसलिए मंदिर शास्त्रीय दृष्टि से योग्य है. हेमंत रासने ने कहा कि कार्यक्रम का निमंत्रक होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. इस आयोजन से सभी को ऊर्जा मिली है. इस उर्जा का उपयोग राम मंदिर के निर्माण में हो, यह मेरी इच्छा है.