नई दिल्ली. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष जयलाल को दिल्ली उच्च न्यायालय से भी झटका लगा है. उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. IMA ने किसी भी धर्म को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के मंच का इस्तेमाल नहीं करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी.
IMA के अध्यक्ष जयलाल ने निचली अदालत के आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग की थी. द्वारका स्थित न्यायालय ने आदेश में कहा था कि जयलाल अपने पद की गरिमा को बनाए रखें और IMA जैसी संस्था का उपयोग किसी धर्म को बढ़ावा देने के बजाय अपना ध्यान मेडिकल क्षेत्र की उन्नति और इससे जुड़े लोगों की भलाई में लगाएं. न्यायालय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन प्रमुख जेए जयलाल को आगाह किया था कि एक जिम्मेदार संस्था की अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति से ऐसी टिप्पणियों की उम्मीद नहीं की जा सकती.
वहीं, उच्च न्यायालय ने जून में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली आईएमए प्रमुख की अपील पर नोटिस जारी किया था. न्यायमूर्ति आशा मेनन ने आदेश सुनाते हुए कहा कि याचिका खारिज की जाती है.
निचली अदालत ने जयलाल के खिलाफ दायर एक याचिका पर आदेश दिया था, जिसमें कथित तौर पर ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के माध्यम से हिन्दू धर्म के खिलाफ एक अपमानजनक अभियान शुरू किया था.
दरअसल, मामले के प्रतिवादी रोहित झा ने द्वारका कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जयलाल के दुर्भावनापूर्ण बयानों के बाद, उनकी धार्मिक भावनाओं को काफी ठेस पहुंचा है. शिकायतकर्ता रोहित झा ने निचली अदालत के समक्ष आरोप लगाया था कि जयलाल अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए देश तथा नागरिकों को गुमराह कर रहे हैं. आईएमए अध्यक्ष के लेखों और साक्षात्कारों का हवाला देकर अदालत से लिखित निर्देश देकर उन्हें हिन्दू धर्म या आयुर्वेद के प्रति अपमानजनक सामग्री लिखने, मीडिया में बोलने या प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया था.