करंट टॉपिक्स

भाषा के प्रति डॉ. आम्बेडकर का राष्ट्रीय दृष्टिकोण

लोकेन्द्र सिंह बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के लिए भाषा का प्रश्न भी राष्ट्रीय महत्व का था. उनकी मातृभाषा मराठी थी. अपनी मातृभाषा पर उनका...

मीम-भीम के अंतर्तत्व को समझें समाज बंधु

प्रवीण गुगनानी डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर केवल किसी एक समुदाय या जाति विशेष में व्याप्त रूढ़ियों, कुरीतियों और बुराइयों हेतु ही चिंतित नहीं थे. बाबा...

बाबा साहेब ने पत्रकारिता को बताया सामाजिक न्याय का माध्यम

लोकेन्द्र सिंह बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर का व्यक्तित्व बहुआयामी, व्यापक एवं विस्तृत है. उन्हें हम उच्च कोटि के अर्थशास्त्री, कानूनविद, संविधान निर्माता, ध्येय...

केजी बालकृष्णन आयोग – बाबासाहेब के दृष्टिकोण को लागू करने का दायित्व

एक गोंडी मुहावरा है – बुच्च-बुच्च आयाना कव्वीते पालकी रेंगिना अर्थात आगे आगे होना, किंतु अपने मूल विषय पर कुछ भी ध्यान न देना. रंगनाथ...

स्वतंत्रता के साथ समानता का भाव लाना आवश्यक – डॉ. मोहन भागवत जी

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने केशव विद्यापीठ में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में कहा कि संविधान सभा की सर्वसम्मति...

सृष्टि को एकात्म भाव तथा समग्र दृष्टि से देखने की हमारी परंपरा है – डॉ. मोहन भागवत जी

प्रयागराज. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि देश में महापुरुषों की लंबी परंपरा अखंड रूप से चली आ रही...

भारत सनातन काल से ही विश्व का पथ प्रदर्शक रहा है – राम माधव

जोधपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य राम माधव जी ने कहा कि भारत सनातन काल से ही विश्व गुरु रहा है. वसुधैव...

हमारी लोक परंपराएं सेवा व समर्पण जैसे हमारे गुणों को भी दर्शाती हैं – जे. नंदकुमार जी

शिमला. पंचनद शोध संस्थान, अध्ययन केन्द्र शिमला, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व भाषा एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में 'लोक परंपराओं में भारत बोध' विषय...

हम सबको समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करना होगा – हनुमान सिंह

भीलवाड़ा. श्री केशव स्मृति सेवा प्रन्यास की ओर से रविवार को भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जयन्ती पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ....

डॉ. भीमराव आम्बेडकर का शैक्षिक दृष्टिकोण

डॉ. प्रीतम सिंह दुनिया के अनेक विद्वानों ने शिक्षा की व्यापक संकल्पना को अपने-अपने दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है. शिक्षा को ज्ञान का तीसरा नेत्र...