…..जब से शुरू हुआ मंदिर निर्माण तभी से भोजनालय
अयोध्या. चुटकी-चुटकी भर राशन जुटाकर रोज हजारों लोगों का पेट भरना हँसी खेल नहीं है. फिर भी बाबा जय गुरुदेव का जत्था अपने आध्यात्मिक गुरू उमाकांत जी महाराज की प्रेरणा से इस काम को खेल-खेल में कर रहा है.
जब सभी लोग श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए कुछ न कुछ समर्पित कर रहे थे, तब उमाकांत जी महाराज ने संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर का निर्माण चलेगा, तब तक बाबा जय गुरुदेव का जत्था सभी को भोजन जलपान कराएगा. मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों और कार्यशाला में पत्थर तराशने वालों को प्रारम्भ से ही भोजन इसी जत्थे द्वारा पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा दोनों समय जलपान की भी व्यवस्था है. साथ ही सुरक्षा में लगे वर्दीधारियों और अयोध्या धाम के भिखारियों को भी भोजन दिया जाता है. बड़े वाहन के अलावा साईकिल पर डिब्बे रखकर खाना, चाय-कॉफी आदि पहुँचाई जाती है. चौराहे-चौराहे मिलते, पुलिस वालों को भी सेवा दी जाती है.
उल्लेखनीय है कि यह सारा इंतजाम हर घर में चुटकी भर राशन योजना से होता है. साथ ही लोग दक्षिणा भी देते हैं. बाबा जय गुरुदेव से जुड़े परिवारों में दोनों समय भोजन पकाने से पहले चुटकी-चुटकी भर राशन, आटा, दाल, चावल आदि अलग-अलग पात्र में इकट्ठा किया जाता है. साथ ही तेल, ईंधन आदि जुटाने में साथ में मिलने वाली दक्षिणा काम में आती है.
भोजनालय में केवल उन्हीं की सेवा लगाई जाती है जो नामधारी हैं और सभी व्यसन से मुक्त हैं. इस समय बाबा जय गुरुदेव के इस जत्थे का भोजनालय कारसेवकपुरम में चल रहा है. यहीं से मंदिर निर्माण श्रमिकों और न्यास कार्यशाला में कार्य करने वालों को भोजन, जलपान आदि की आपूर्ति की जाती है. व्यवस्था में पैंतालीस लोग लगे हैं.