सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल बैठक
राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की बैठक के समापन अवसर पर सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्काजी ने कहा कि समर्थ भारत – सक्षम भारत का निर्माण हमारा कार्य है. जो लक्ष्य हमने तय किया है, उसे संकल्प के साथ पूरा करना है. जब राष्ट्र सर्वोपरि, इस उदात्त भावना के साथ ध्येय पथ पर संगठन के माध्यम से चलते हैं, तो यश निश्चित मिलता है. ऐसा करते वक्त तन, मन और विचारों की शुचिता से हमारी सकारात्मक सोच बनेगी, और हमारे संपर्क में आने वाले लोग भी उस सकारात्मकता को अनुभव करके हमसे जुड़ जाएंगे.
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में भौतिक वस्तुओं के प्रति अनासक्ति होनी चाहिए तथा समाज में काम करते समय अपने अहंकार का स्वाहाः होना आवश्यक है. ऐसा अनासक्त व्यक्ति आनंद से प्रत्येक कार्य करता है और राष्ट्र हित में अपना सर्वस्वा त्याग करने के लिए तैयार हो जाता है. ऐसे गुणों से युक्त कार्यकर्ताओं के कारण संगठन जीवित रहता है. पू. बालासाहब देवरस हमेशा कहते थे – देव दुर्लभ कार्यकर्ताओं के कारण संगठन आगे बढ़ता है. आज भी समाज राष्ट्र सर्वोपरि, इस भावना से युक्त है. पुलवामा आतंकी हमले में बलिदानी जवानों के परिवार इसका उदाहरण हैं. मैं रहूं ना रहूं, मेरा बेटा रहे ना रहे, भारत ये रहना चाहिए, ऐसा हमने कई बार सुना है.
आज भारत अनेक क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है. दूसरे देश में घुसकर लक्ष्य को साधते हुए विजयी होना, ऐसी सुरक्षा व्यवस्था भारत में विकसित हुई है. बालाकोट एयर स्ट्राईक के माध्यम से हमने इसका अनुभव किया है. भारत ने चंद्रयान – 2 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया, जिसमें महिला वैज्ञानिकों ने भी सहभागिता कर महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल बैठक में ‘‘जनसंख्या असंतुलन के भारत पर परिणाम’’ विषय पर प्रस्ताव पारित किया गया. प्रमुख कार्यवाहिका सीतागायत्री ने तीन दिन चली बैठक का वृत्त प्रस्तुत किया.
यह वर्ष सरस्वती बाई आपटे (राष्ट्र सेविका समिति की द्वितीय प्रमुख संचालिका) का 25वां स्मृति वर्ष है. इसलिए शाखा एवं सामाजिक कार्यक्रमों में ताई जी की जीवनी एवं विचार लेकर जाना निश्चित हुआ. युवतियों में आत्म सुरक्षा के विषय पर जागरण करने की योजना भी निश्चित हुई है.