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देव, दानव, मानव सभी में देवर्षि नारद की स्वीकार्यता थी

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हिंडौन. विश्व संवाद केन्द्र द्वारा 30 जून को “देवर्षि नारद महोत्सव एवं पत्रकार सम्मान समारोह” आयोजित किया गया. मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार मनीष शुक्ला ने कहा कि देवर्षि नारद लोक कल्याण की भावना से सभी लोकों में भ्रमण करते हुए संदेशों व सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे. नारद जी देवता, दानव और मानव, सभी में समान रूप से सहज संपर्क रखते थे और निष्पक्ष रहते हुए संवाद का कार्य करते थे. किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि फिल्मों में नारद की छवि को बिगाड़कर उन्हें विदूषक और चुगलखोर के रूप में प्रस्तुत किया गया.

उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद दुनिया के पहले पत्रकार थे. हिन्दी के प्रथम समाचार पत्र उद्दंत मार्तण्ड का प्रकाशन सन 1826 में हुआ, उस दिन ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया थी, जो नारद जी की जयंती है. उस समय समाचार पत्र के संपादक ने नारद जी को आदि पत्रकार बताते हुए इस दिवस पर समाचार पत्र की शुरुआत पर हर्ष व्यक्त करते हुए संपादकीय लिखा था.

समारोह कार्यक्रम में एक सत्र परिचर्चा का भी रहा, जिसमें उपस्थित पत्रकारों ने भाग लिया. परिचर्चा का विषय था – “सोशल मीडिया की विश्वसनीयता और इसकी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को चुनौती”. कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता और देवर्षि नारद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्लन से हुआ. कार्यक्रम में कुल 37 पत्रकार उपस्थित रहे. इन्हें पुस्तकों का संच व स्मृति चिह्न प्रदान किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रकेतु बैनीवाल ने की.

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