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मालपुरा में समरसता संगम का आयोजन, सर्वसमाज ने एक पंगत में किया भोजन

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जयपुर. टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में मंगलवार को सामाजिक समरसता संगम देखने को मिला. जहां सर्वसमाज के लोगों ने एक पंगत में बैठकर सहभोज किया. श्रीगणपति महोत्सव समिति द्वारा राजकीय विद्यालय के मैदान में आयोजित विराट हिन्दू संगम में लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम में वरिष्ठजनों का सम्मान किया गया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम जी ने कहा कि मालपुरा में वीर सावरकर की प्रतिमा लगी है. सावरकर महान क्रांतिकारी थे. सावरकर ने समाज में छूआछूत व भेदभाव खत्म करने के लिए महाराष्ट्र के मंदिरों में कथित दलितों को प्रवेश दिलाने का आंदोलन चलाया, हालांकि पुजारियों ने इसका विरोध किया. लेकिन, इसके बावजूद उन्होंने दलितों को मंदिरों में प्रवेश दिलाकर समरसता का संदेश दिया.

उन्होंने कहा कि पश्चिम के देशों के परिवारों में कोई संस्कार परम्परा नहीं है. वहां माता-पिता का सम्मान नहीं करते. ऐसी ही परम्पराएं हमारे यहां भी शुरू हो गई हैं. संयुक्त परिवार समाप्त हो रहे हैं, संस्कारों का ह्रास हो रहा है. हमें संयुक्त परिवार व संस्कार व्यवस्थाओं को अपने परिवारों में पुनः स्थापित करना होगा.

उन्होंने कहा कि समय के बदलते दौर में समाज के सभी वर्गों में आपसी भाईचारा व संगठन का होना बहुत आवश्यक हो गया है. चाहे कोई भी परिस्थिति हो, सर्वसमाज संगठित होकर समस्याओं का निराकरण करे. मालपुरा में समरसता संगम का यह कार्यक्रम समाज को संगठित करने का नया संदेश देगा.

निवाई के संत मनीषदास जी व प्रभातीदास जी ने समाज का संगठन व समरसता बनाए रखने की बात कही. इससे पूर्व एक विशाल रैली का आयोजन किया गया. रैली बारादरी बालाजी मंदिर से शुरू होकर मुख्य बाजार से गुजरते हुए समरसता संगम स्थल पहुंची. रैली का जगह-जगह स्वागत हुआ.

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