आगरा (विसंकें). विहिप के अंतरराष्ट्रीय सह संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे जी ने कहा कि अगले पंद्रह वर्षो में भारत के अखंड बनने का स्वप्न पूरा हो जाएगा. भारत को अखंड बनाने के लिए पाकिस्तान के टुकड़े होना जरूरी है और इसकी शुरूआत हो गई है. बलूचिस्तान के लोगों ने विद्रोह कर दिया है, आने वाले दिनों में पाकिस्तान के टुकड़े होंगे और यहीं से भारत के अखंड होने की शुरूआत हो जाएगी. विनायक जी 31 अगस्त को आगरा के डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि के खंदारी स्थित जेपी सभागार में ‘अखंड भारत की संकल्पना राष्ट्र के प्रति युवाओं का योगदान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज का भारत सुरक्षित रखना है व अखंड बनाना है तो तुष्टीकरण पूर्णतः समाप्त होना चाहिए. युवाओं में स्वामी विवेकानंद जैसी विलक्षण देशभक्ति की भावना जाग्रत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में चार माह बाद चुनाव होने वाले हैं. राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमें अलग झंडा चाहिए. राजनीतिक स्वार्थ के लिए किस स्तर तक अलगाववाद निर्माण कर रहे हैं. वोटों के भिखारी ही देशद्रोह की भाषा बोल सकते हैं. संविधान में कहा है कि धर्म और मजहब के आधार पर आरक्षण नहीं मिलना चाहिए, लेकिन कर्नाटक में दिया गया. कर्नाटक की तुलना कश्मीर से कैसे की जा सकती है.
विनायक जी ने कहा कि जो भारत की संसद पर आक्रमण करता है और उसे सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, तो हमारे लोग छाती पीटते हैं. भारत तेरे टुकडे होंगे इंशाअल्ला-इंशाअल्ला, कहने वालों को समर्थन कैसे दे सकते हैं. ये वोटों के भिखारी हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि डोकलाम विवाद पर हिम्मत दिखाई है. अगर यही बात 2011 में हो जाती तो मनमोहन सिंह न जाने क्या करते. सारा देश चीन को सबक सिखाना चाहता है, लेकिन हमारे देश में एक पार्टी है माकपा, जिसके अखबार में लिखा जाता है कि चीन सही है, भारत दोषी है. सन् 1962 और 1965 में भी माकपा ने चीन का समर्थन दिया था. संगोष्ठी में डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि के कुलपति प्रो. अरविन्द दीक्षित सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे. संगोष्ठी का संचालन विहिप के महानगर मंत्री राजीव शर्मा ने किया.
कर्नाटक के उडुपी में आयोजित होगी धर्मसंसद
पत्रकारों से वार्ता में विनायक जी ने जानकारी दी कि इस वर्ष 24 से 26 नवम्बर के बीच उडुपी में धर्म संसद होगी. बैठक में देशभर के करीब तीन हजार संतों की सहभागिता रहेगी. धर्म संसद में गौरक्षा, राम जन्मभूमि, सामाजिक समरसता पर चर्चा होगी. उडुपी शहर कृष्ण मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है.