करंट टॉपिक्स

साध्य के लिए साधन नहीं, बल्कि शुद्ध आचरण महत्वपूर्ण है – सुनील कुलकर्णी

Spread the love

DSC_0074देहरादून (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख सुनील कुलकर्णी जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता आधारित संगठन है. संघ का मानना है कि किसी साध्य के लिए साधन अर्थात उपकरण नहीं, बल्कि शुद्ध आचरण एवं दृढ़ निश्चय महत्वपूर्ण होता है. संघ का स्वयंसेवक सदैव अपने चरित्र से पहचाना जाता है. सुनील कुलकर्णी जी लक्ष्मण चौक स्थित हिन्दू नेशनल इंटर कॉलेज के परिसर में देहरादून महानगर के एकत्रीकरण कार्यक्रम में जुटे कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने मानव जीवन में चरित्र का महत्व बताते हुए कहा कि रावण बहुत बलशाली और बुद्धिमान था, लेकिन चरित्र की कमी के चलते राम जैसे युवा से पराजित हो गया. श्री राम ने अपनी चारित्रिक शुद्धता और दृढ़ निश्चय के बल पर उसका सर्वनाश कर दिया. आज हम भी अपना परिचय संघ के स्वयंसेवक के तौर पर बहुत गर्व से देते हैं, क्योंकि हमारा संगठन दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है. लेकिन यहां पहुंचाने वाले संघ के प्रचारकों के त्याग और बलिदान को भी हमें स्मरण रखना चाहिए. जिन्होंने अपने चरित्र से इसे सींचा है. उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने अत्यन्त विपरीत परिस्थितियों में कार्यकर्ताओं की ध्येय निष्ठा से संघ जैसा विशाल संगठन खड़ा कर दिया. अब हमारे ऊपर ये जिम्मेदारी है कि हम अपने चरित्र और कार्यों से आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श प्रस्तुत करें.

उन्होंने कहा कि हमें संघ कार्य को आगे बढ़ाना है. अभी तक हमारे पूर्वजों ने अंधेरे में उजाले के लिए काम किया. अब समय आ गया है कि उस उजाले को शीघ्र प्राप्त करने के लिए पूरी ताकत लगाएं. संघ के स्वयंसेवकों को देखकर ही संघ पहचाना जाता है. उन्होंने स्वयंसेवकों का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि समाज परिवर्तन का समय आ गया है. संघ के लिए आज बहुत ही अनुकूल स्थिति बन गई है. अब हमें तय करना है कि इस अनुकूलता का लाभ समाज के लिए उठाने में कितने प्राणपण से जुटते हैं.

DSC_0077उन्होंने कहा कि हमारा हिन्दू समाज सोये हुए शेर की तरह है जो जागता है, अपना काम करता है और फिर सो जाता है. इसका उदाहरण है अमरनाथ आन्दोलन और अध्योध्या आन्दोलन, जिसमें हम जागे और अपना लक्ष्य प्राप्त किया. लेकिन उसके बाद फिर सो गए. हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरन्तर जागना होगा. उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक समाज के जाग्रत प्रहरी है. आज समाज बड़ी आशा से संघ की ओर देख रहा है. उसे विश्वास है कि संघ ही समाज में परिवर्तन ला सकता है. संघ के स्वयंसेवक समाज के लिए प्रतिबद्ध हैं. जरूरत है. समाज को अपने साथ लेकर परिवर्तन को गति देने की.

कार्यक्रम का शुभारंभ एकल गीत विश्व गगन पर फिर से गूंजे भारत मां की जय जय जय से हुआ. मंच पर प्रांत संघचालक चंद्रपाल सिंह नेगी और महानगर संघचालक गोपालकृष्ण मित्तल उपस्थित रहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *