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हिन्दुस्थान समाचार ने हिन्दी दिवस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं के 18 पत्रकारों को किया सम्मानित

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भाषा का सदुपयोग ही सनातन हिन्दू धर्म है – जगद्गुरु शंकराचार्य जी

काशी. बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के तत्वाधान में आयोजित भारतीय भाषा सम्मान कार्यक्रम में 18 भारतीय भाषाओं के पत्रकारों व साहित्यकारों को ‘भारतीय भाषा सम्मान-2023’ से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में कांची कामकोटि पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भाषा का सदुपयोग करना चाहिए और उसका देश के विकास में उपयोग करना चाहिए.

जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने भाषा की विशेषता बताते हुए भगवान हनुमान जी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि हनुमान जी की अमरत्व वाणी से सीता जी का आत्मविश्वास बढ़ा और उनमें रावण का सामना करने की शक्ति आयी. उन्होंने कहा कि भाषा मुख्य है, साहित्य मुख्य है. भाषा का सदुपयोग करना चाहिए और उसका देश के विकास में उपयोग करना चाहिए, उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. सदुपयोग ही सनातन हिन्दू धर्म है. उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि धर्म के प्रति जानकारी और जागरूकता हिन्दुस्थान समाचार के जरिये बढ़ रही है. चातुर्मास के दौरान भाषा विद्वानों को सम्मानित करना अच्छी पहल है.

शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म की विशेषता बताते हुए कहा कि भाषा का सदुपयोग ही सनातन हिन्दू धर्म है. मनुष्य जन्म निरर्थक नहीं होना चाहिए. जो काम हमें मनुष्य के रूप में मिले हैं, उसे करना चाहिए. धर्माचरण मुख्य है. परोपकार से दूसरों की मदद करने के लिए हमसे जो कुछ हो सकता है, करना चाहिए. कष्ट निवारण ही धर्म है. अच्छे कर्म करने के लिए सबको मौका देना हिन्दू धर्म है. उन्होंने मंदिर को धर्म का केंद्र बताया.

मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पंच प्रण की दिशा में भारत के कदम बढ़ चुके हैं. हम सभी का प्रण देश को समृद्ध बनाना है. लेकिन संस्कार, शिक्षा और सुरक्षा के अभाव में समृद्धि अधूरी रहती है. इसलिए जरूरी है कि हम निष्ठा के साथ प्रण करें और संतों व अपने अभिभावकों का आशीर्वाद लेकर लक्ष्य को प्राप्त करें. भाषा के रूप में हिंदी के विस्तार और उसकी प्रासंगिकता को लेकर कहा कि दुनिया भर के देश अपनी भाषा में शिक्षा प्राप्त करने पर गर्व करते हैं.

विशिष्ट अतिथि ‘श्रीहनुमत निवास’ अयोध्या के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण जी महाराज ने कहा कि भारत वर्ष विलक्षण है, इसकी विलक्षणता उसके भाषा, भाव और वेशभूषा और व्यवहार में परिलक्षित होती है. उन्होंने हिन्दी दिवस के लिए एक दिन निश्चित करने पर कहा कि यह क्यों आवश्यक है कि देश की प्रमुख भाषा हिन्दी के लिए एक दिन ही क्यों हो? हमें इसे सभी दिनों के लिए सुनिश्चित करने के लिए कोशिश करनी चाहिए. पंच प्रण जिसे लेकर हिन्दुस्थान समाचार लगातार कार्यक्रम आयोजित करता रहा है, उसके लिए उन्हें साधुवाद है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं पूर्व सरंक्षक हिन्दुस्थान समाचार लक्ष्मीनारायण भाला ने ‘पंच प्रण’, भारतीय भाषाएं और समृद्ध भारत का प्रवर्तन करते हुए कहा कि पंच प्रण अपने शब्द से ही स्पष्ट है कि देश प्रथम है. ऐसे में आवश्यक है कि इसके लिए जिस भाषा का प्रयोग हो वो देश को समृद्ध और गौरवपूर्ण बनाने में महति भूमिका निभाए. उन्होंने पांच प्रण को विस्तृत तौर पर समझाते हुए कहा कि मूलरूप से तन, प्राण (जीवंतता), मन, बुद्धि, आत्मा… ही वो पांच तत्व हैं, जिनके द्वारा हम समूल तौर पर देश विकास में अपना सम्पूर्ण योगदान दे सकते हैं. उन्होंने श्लोक – “त्रेतायां मंत्र-श्क्तिश्च ज्ञानशक्तिः कृते-युगे. द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघशक्ति कलौयुगे..” का उच्चारण करते हुए कहा कि देश और समाज के विकास के लिए संगठित होकर सशक्त होने की आवश्यकता है.

कार्यक्रम में हिन्दुस्थान समाचार समूह की पाक्षिक पत्रिका ‘युगवार्ता’ और मासिक पत्रिका ‘नवोत्थान’ के विशेषांक का लोकार्पण भी हुआ. दोनों विशेषांकों में भारतीय भाषाओं पर विद्वानों के तथ्यपरक लेख प्रकाशित किए गए हैं.

हिन्दुस्थान समाचार निदेशक मंडल के सदस्य डॉ. प्रदीप ‘बाबा’ मधोक ने अतिथियों का स्वागत किया. आभार ज्ञापन न्यूज एजेंसी के वाराणसी ब्यूरो प्रमुख श्रीधर ने किया.

इन्हें मिला सम्मान –

संस्कृत भाषा के लिए झारखण्ड के हजारीबाग जनपद निवासी और डीडी न्यूज पर प्रसारित होने वाले संस्कृत के लोकप्रिय साप्ताहिक कार्यक्रम ‘वार्तावली’ के मुख्य सम्पादक डॉ. नारायणदत्त मिश्र, हिन्दी भाषा के लिए ‘पाञ्चजन्य’ के सम्पादक हितेश शंकर, तेलुगु भाषा के लिए वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव, मराठी भाषा के वरिष्ठ पत्रकार श्रीराम जोशी, गुजराती भाषा के लिए पद्मश्री डॉ. विष्णु पंड्या, पंजाबी भाषा के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भाई परमजीत सिंह, बांग्ला भाषा के डॉ. सुमन चन्द्र दास, असमिया भाषा के अरुण ज्योति बोरा, नेपाली के डिल्ली राम दुलार और सिंधी भाषा के कमल किशोर खत्री को सम्मानित किया गया.

इसी तरह मलयालम भाषा के लिए वरिष्ठ पत्रकार कावालम् शशिकुमार, तमिल भाषा के वी. श्रीनिवासन, कन्नड़ भाषा में स्वाति चंद्रशेखर एवं पन्नग राज रामचंद्र राव कुलकर्णी, ओड़िया भाषा के डॉ. समन्वय नंद तथा भोजपुरी भाषा के लिए केशव मोहन पाण्डेय को सम्मानित किया गया.

इसके अतिरिक्त हिन्दुस्थान समाचार के दो पत्रकारों डॉ. शारदा वन्दना और गुंजन कुमार को ‘कलमवीर’ सम्मान से सम्मानित किया गया.

 

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