करंट टॉपिक्स

शिव शक्ति पॉइंट – इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने भी प्रदान की स्वीकृति

Spread the love

नई दिल्ली. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लगभग सात माह पश्चात इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) ने 19 मार्च को लैंडिंग साइट के नामकरण पर मोहर लगा दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त, 2023 को घोषणा की थी कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट को ‘शिव शक्ति’ पॉइंट के नाम से जाना जाएगा. IAU भी इसे स्वीकृति प्रदान कर दी है.

चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर लैंडिंग की थी. इसके तीन दिन बाद प्रधानमंत्री वैज्ञानिकों से मिलने इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क पहुंचे थे.

यहां तीन घोषणाएं की थी…..

पहली – 23 अगस्त को हर साल भारत नेशनल स्पेस डे मनाएगा.

दूसरी – चंद्रयान 3 की लैंडिंग साइट शिव-शक्ति पॉइंट कहलाएगी.

तीसरी – चंद्रमा पर जिस जगह चंद्रयान-2 के पद चिन्ह हैं, उस पॉइंट का नाम ‘तिरंगा’ होगा.

चंद्रयान-3 मिशन के तीन हिस्से थे. प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर. इन पर कुल 7 पेलोड लगे थे. एक पेलोड जिसका नाम शेप है वो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर लगा था. इसे चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर धरती से आने वाले रेडिएशन की जांच के लिए बनाया गया था.

लैंडर पर तीन पेलोड लगे थे. रंभा, चास्टे और इल्सा. प्रज्ञान पर दो पेलोड थे. एक इंस्ट्रूमेंट अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का भी है, जिसका नाम लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर अरे है. ये लैंडर पर लगा हुआ था.

ISRO ने 30 किमी की ऊंचाई से शाम 5 बजकर 44 मिनट पर ऑटोमैटिक लैंडिंग प्रोसेस शुरू किया और अगले 20 मिनट में सफर पूरा किया.

चंद्रयान-3 ने 40 दिन में 21 बार पृथ्वी और 120 बार चंद्रमा की परिक्रमा की. चंद्रयान ने चंद्रमा तक 3.84 लाख किमी दूरी तय करने के लिए 55 लाख किमी की यात्रा की.

इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन की स्थापना

इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) की स्थापना 1919 में हुई थी. इसका मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से रिसर्च, कम्युनिकेशन, एजुकेशन और डेवलपमेंट सहित इसके सभी पहलुओं में खगोल विज्ञान को बढ़ावा देना और सुरक्षित रखना है.

इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के अप्रूव्ड सभी नामों का डेटाबेस गजेटियर ऑफ प्लेनेटरी नॉमिनक्लेचर पर प्रकाशित होता है. गजेटियर ऑफ प्लेनेटरी नॉमिनक्लेचर की वेबसाइट को USGS एस्ट्रोजियोलॉजी साइंस सेंटर मेंटेन करता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *