जींद जिले के गांव धमतान साहिब में छह मुस्लिम परिवारों के 35 सदस्यों ने बुधवार को पुनः हिन्दू धर्म अपनाया. बकायदा गांव के सरपंच व प्रमुख लोगों की मौजूदगी में घर में हवन किया गया और उसमे आहुति डाली गई. जिसके बाद सभी सदस्यों ने जनेऊ धारण किया. पूर्व में गांव दनौदा कलां में भी छह मुस्लिम परिवारों के लगभग 35 सदस्यों ने गत 18 अप्रैल को हिन्दू धर्म अपनाया था. मुस्लिम से हिन्दू धर्म अपनाने वाले दिनेश ने बताया कि गांव के मिरासी बिरदारी से मुस्लिम परिवारों ने फैसला किया कि चूंकि वे हिन्दू तौर तरीकों से अपना जीवन जीते आ रहे हैं, इसलिए उन्हें खुद को हिन्दू घोषित करना चाहिए. वे हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा करते आ रहे हैं, सभी हिन्दू धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं. हिन्दू परिवारों के साथ भाईचारा है, केवल अंतिम संस्कार मुस्लिम धर्म के अनुसार करते रहे हैं. उसने अपने पूर्वजों से हिन्दू होने के बारे में सुना था. मुगल शासन के दौरान उनके पूर्वज मुस्लिम बन गए थे. लेकिन उन्होंने कभी रोजे नहीं रखे व मस्जिद में कलमा नहीं पढ़ा. हालांकि लोगों में यह भ्रम था कि हम मुस्लिम हैं. हिन्दू धर्म अपनाने वालों में नजीर परिवार के बलबीर, सद्दीक, दिनेश, राजेश, सतबीर तथा शिरफू परिवार के जंगा शामिल हैं.
हिन्दू तौर तरीके से जीते हैं जीवन
दिनेश ने बताया कि उन्होंने किसी के दबाव में हिन्दू धर्म को स्वीकार नहीं किया है. बल्कि स्वेच्छा से हिन्दू धर्म को अपनाया है. मुगल शासनकाल से पहले उनके पूर्वज हिन्दू थे. मुगल शासनकाल में प्रताड़ित हो कर उनके पूर्वजों ने मुस्लिम धर्म अपना लिया था. वे हिन्दू तौर तरीकों से जीवन जीते आ रहे हैं. पहले उसके समाज के लोग शिक्षित नहीं थे, वे पुरानी चीजों को नहीं जानते थे. अब वे अपने मूल हिन्दू धर्म में लौट आए हैं. उनके छह परिवार के 35 सदस्यों ने हिन्दू धर्म को अपनाया है. साथ ही जनेऊ भी धारण किया है. गांव धमतान के सरपंच जयपाल ने बताया कि नजीर परिवार के 35 सदस्य हिन्दू धर्म में वापस लौटे हैं. नजीर परिवार ने गांव के बुजुर्गों व मौजिज व्यक्तियों के सामने हिन्दू धर्म में लौटने की बात की थी. वह उनका संवैधानिक अधिकार है. गांव में सभी जातियों व धर्मो के लोग भाईचारे के साथ रह रहे हैं.