करंट टॉपिक्स

संविधान की हत्या करने वाली तानाशाही के स्वर्णिम किस्से..!!

कृष्णमुरारी त्रिपाठी देश में गाहे-बगाहे इमरजेंसी, तानाशाही, हिटलरशाही जैसे शब्द सुनाई देते रहते हैं. हताशा से भरा एक वर्ग अपना राग अलापता रहता है. लोकतंत्र...

आपातकाल में समस्त लोकतांत्रिक अधिकार समाप्त कर दिए गए थे – हरेन्द्र कुमार

शिमला. पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा विश्व संवाद केन्द्र शिमला (हिमाचल प्रदेश प्रांत) के संयुक्त तत्वाधान में ‘आपातकाल की विभीषिका’ विषय पर...

लोकतंत्र में व्यक्ति या संगठन के लिए संविधान के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले जी

आपातकाल के दौरान (1975-1977) की परिस्थितियों, सरकार की दमनकारी नीति, संघ की भूमिका पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी से विश्व संवाद...

आपातकाल – लोकतंत्र की आधारशिला, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता राज्य नियंत्रण से कुचल दी गई

आपातकाल के दौरान आम लोगों द्वारा झेले गए अत्याचारों के साथ-साथ भारतीय जनता द्वारा प्रदर्शित अटूट प्रतिरोध ने राष्ट्र की सामूहिक स्मृति को गहराई से...

यादों में आपातकाल – एक

अनुशासन का शर्मनाक यातना पर्व...! जयराम शुक्ल पंद्रह अगस्त, 26 जनवरी यदि सरकारी आयोजन न होते तो पब्लिक इन्हें कब का भुला चुकी होती. लेकिन...

दत्तात्रेय होसबाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह बने

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दत्तात्रेय होसबाले जी का सर्वसम्मति से अगले तीन वर्ष के लिए सरकार्यवाह (महासचिव/जनरल सेक्रेटरी)...

महान नारी उद्धारक : देवीदास आर्य

3 जून/जन्म-दिवस श्री देवीदास आर्य का जन्म 3 जून, 1922 को ग्राम केहर (जिला सक्खर, सिन्ध) में श्री विद्याराम एवं श्रीमती पद्मादेवी हजारानी के घर में हुआ था. 1939 में...