रक्षा निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि
नई दिल्ली. भारत के रक्षा निर्यात में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में पिछले 10 वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात 21 गुना बढ़ा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये (लगभग 2.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, गत वर्ष यह आंकड़ा 15,920 करोड़ रुपये रहा था.
निजी क्षेत्र और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) सहित रक्षा उद्योग ने अब तक का उच्चतम रक्षा निर्यात अर्जित करने के लिए प्रयास किए हैं. निजी क्षेत्र और डीपीएसयू ने क्रमशः 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का योगदान दिया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा निर्यात में नयी उपलब्धि हासिल करने पर सभी हितधारकों को बधाई दी.
Delighted to inform everyone that the Indian Defence Exports have scaled to unprecedented heights and crossed Rs 21000 crore mark for the first time in the history of Independent India!
India’s defence exports have recahed to the level of Rs.21,083 Crore in the financial year…
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) April 1, 2024
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान रक्षा निर्यातकों को जारी निर्यात प्राधिकारों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में 1,414 निर्यात प्राधिकारों से, वित्त वर्ष 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 1,507 हो गई.
दो दशकों यानी 2004-05 से 2013-14 और 2014-15 से 2023-24 तक के तुलनात्मक आंकड़ों से यह पता चलता है कि रक्षा निर्यात में 21 गुना की वृद्धि हुई है. 2004-05 से 2013-14 के दौरान कुल रक्षा निर्यात 4,312 करोड़ रुपये का रहा था, जो 2014-15 से 2023-24 की अवधि में बढ़कर 88,319 करोड़ रुपये हो गया है.
रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारतीय उद्योगों को प्रदान किए गए ‘एंड-टू-एंड’ डिजिटल समाधान के साथ-साथ सरकार द्वारा लाए गए नीतिगत सुधारों और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ पहल के कारण यह उल्लेखनीय वृद्धि अर्जित की गई है. यह वृद्धि भारतीय रक्षा उत्पादों और प्रौद्योगिकियों की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाती है.