करंट टॉपिक्स

वर्तमान समय की चुनौतियों, संकटों और प्रश्नों का समाधान करने में कारगार साबित होगा शिक्षा महाकुंभ – डॉ. अमित कांसल

भोपाल. शिक्षा महाकुंभ में अधिकतम जन सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रांत व जिले में विभिन्न शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, उद्योगपति और राजनीतिज्ञों सहित अंतिम...

माओवादियों के लिए राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मायने?

जैसे-जैसे देश में लेफ्ट यानि कम्युनिस्ट विचारधारा का ग्राफ नीचे गिरते गया, उन्होंने कांग्रेस को अपनी राजनीतिक वैशाखी बनाने से परहेज नहीं किया. हालांकि, आश्चर्यजनक...

शिक्षा के साथ संस्कृति, संस्कार और धर्म जुड़ा है – कैलाश सत्यार्थी

नई दिल्ली. ज्ञानोत्सव ज्ञान का उत्सव ही नहीं, यह ज्ञान का यज्ञ है. सात्विक उद्देश्य से किए जाने वाले यज्ञ में सर्वश्रेष्ठ की आहुति देनी...

नवीन राष्ट्रीय पाठ्यचर्या सर्वांगीण विकास में सहायक – एबीवीपी

नई दिल्ली. भारत सरकार द्वारा जारी की गई नवीन राष्ट्रीय पाठ्यचर्या तथा उसके द्वारा प्रस्तावित सभी बदलावों का एबीवीपी सहर्ष स्वागत करती है. यह प्रयास...

विद्यालय सामाजिक चेतना के केंद्र के रूप में विकसित हों – गोबिंद महंत जी

जालंधर. विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की कार्यकारिणी की बैठक 15 से 17 सितम्बर विद्या धाम जालंधर में सम्पन्न हुई. उद्घाटन सत्र में अखिल...

दिवा स्वप्न का नहीं, अपितु संकल्पित होने का अवसर है अमृत काल

आकाश अवस्थी मनुष्य का स्वभाव है स्वप्न देखना और कहा भी जाता है कि देश वैसा ही बनेगा जैसा उसके नागरिक चाहेंगे. भारत भी इससे...

जग सिरमौर बनाएं भारत – यतीन्द्र शर्मा

गुवाहाटी. विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं का वर्ग सरस्वती विद्या मंदिर हाफलांग, असम में सम्पन्न हुआ. असम, अरूणाचल, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैण्ड...

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – सभी को जोड़कर राष्ट्र को समर्थ बनाने का सार्थक प्रयास

मुकुल कनिटकर नई शिक्षा नीति में कई बुनियादी परिवर्तनों का समावेश किया गया है. केंद्र सरकार ने शोध पर विशेष जोर दिया है. एक राष्ट्रीय...

यह नीति भारत को विश्व गुरू बनाने में सहायक होगी

कला, संगीत, सहित्य, मातृभाषा, शारीरिक कौशल और प्रतिभा को उचित स्थान देने वाली नई शिक्षा नीति 34 वर्ष के बाद लागू की गई है. नई...

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – औपनिवेशिक स्वरूप से भारतीयता की ओर ले जाएगी

डॉ. गीता भट्ट मातृभाषा में शिक्षा देने के महत्व को महात्मा गांधी ने इस प्रकार व्यक्त किया है - "मां के दूध के साथ जो...