करंट टॉपिक्स

26 जनवरी – पूर्ण स्वराज्य/गणतंत्र दिवस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

डॉ. श्रीरंग गोडबोले भारत में 26 जनवरी को प्रतिवर्ष 'गणतंत्र दिवस' के रूप में मनाया जाता है. कम लोग इस तथ्य को जानते हैं कि...

नेताजी का जीवन वैभवशाली भारत के निर्माण के लिए तपस्या व समर्पण का आदर्श उदाहरण – डॉ. मोहन भागवत जी

कोलकाता. स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से "नेताजी लह प्रणाम" कार्यक्रम का आयोजन...

परंपराओं की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी – मुकुंद जी

राष्ट्र चेतना संगम, रायपुर महानगर रायपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रायपुर महानगर द्वारा राष्ट्र चेतना संगम में स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण व कुटुम्ब मिलन कार्यक्रम का आयोजन...

समर्थ भारत ही विश्व कल्याण का मार्ग

नर्मदा साहित्य मंथन-भोजपर्व का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील जी आम्बेकर की उपस्थिति में माँ नर्मदा के जल कलश के...

हमारा आचरण और स्वभाव ऐसा हो कि समाज आकर्षण पूर्वक हमसे जुड़े

संघ कार्य के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता पर बल गाजियाबाद. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गाजियाबाद विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शीत शिविर 'उन्नयन' आइडियल...

स्व. हस्तीमल हिरण की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के आमंत्रित सदस्य वरिष्ठ प्रचारक दिवंगत हस्तीमल हिरण जी की स्मृति में बुधवार को शहर में श्रद्धांजलि...

संस्कार, संकल्प, जन-प्रबोधन से होगा प्रकृति संरक्षण – भय्याजी जोशी

अमरकंटक. गंगा, नर्मदा जैसी प्रमुख जीवनदायिनी नदियों के प्रति लोगों की बड़ी आस्था है. लेकिन सिर्फ इससे काम नहीं चल सकता. जब नदियों, जंगलों, पर्वतों...

परिवार भाव से ही सबका भला होगा – दत्तात्रेय होसबाले जी

लखनऊ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ विभाग द्वारा रविवार को सीएमएस गोमतीनगर विस्तार में परिवार व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से परिवार मिलन कार्यक्रम आयोजित...

सामाजिक समरसता हमारी संस्कृति की पहचान रही है – स्वांत रंजन जी

मेरठ. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, शाखा द्वारा मकर संक्रान्ति कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य...

जीवन के बाद कर्मयोगी हस्तीमल जी की देह भी राष्ट्र को समर्पित

उदयपुर. ‘तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं मातृ-भू तुझे कुछ और भी दूं...’ इन पंक्तियों के मर्म को चरितार्थ करते हुए...